हिन्दी गीत शीर्षक:जो तू अखियों के सामने नहीं रहना
गायकार : नुशरत फ़तेह अली खान
जो तू अखियों के सामने नहीं रहना तो बिबा मेरा दिल मोड़ दे.....
बेचैन दिल में तड़प थी तुम्हारी,
मेरे सपनों में भी झलक थी तुम्हारी
जो तो दिल को सुकून नहीं देना ,
तो बिबा मेरा दिल मोड़ दे
जो तू अखियों के सामने नहीं रहना तो बिबा मेरा दिल मोड़ दे.....
तेरे इंतज़ार में मैं भटकता रहा,
उम्र भर तुझे ही में ढूंढ़ता रहा
जो तू मुझे तेरा अपना नही कहना,
तो बिबा मेरा दिल मोड़ दे
जो तू अखियों के सामने नहीं रहना तो बिबा मेरा दिल मोड़ दे .....
सजदे किए है जी मैंने तेरे नाम के,
आज सामने है तो अपना बना दे
जो तू मुझे तेरा अपना नहीं ,
तो बिबा मेरा दिल मोड़ दे
जो तू अखियों के सामने नहीं रहना तो बिबा मेरा दिल मोड़ दे .....
Sunday, October 7, 2007
जो तू अखियों के सामने नहीं रहना तो बिबा मेरा दिल मोड़ दे
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